Introduction of database system


डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम का परिचय
(INTRODUCTION TO DATABASE  MANAGEMENT SYSTEM)

परस्पर सम्बन्धित डाटा और इस डाटा को प्रयुक्त करने वाले प्रोग्राम्स का समुच्चय डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) कहलाता है। डाटा के संकलन को डाटाबेस (Database) कहते हैं डाटाबेस में किसी संस्था या प्रणाली की सम्पूर्ण सूचना स्टोर रहती है। डाटाबेस को निश्चित किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए तैयार किया जाता हैं। डाटाबेस तैयार करते समय इसके एप्लिकेशन और एण्ड यूजर (End User) की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाता हैं। डाटाबेस को एक सॉफ्टवेयर पैकेज डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) की सहायता में मैनेज किया जाता है। डाटाबेस सूचना के संग्रहण और प्राप्ति को प्रभावशाली (Efficient) और सुगम (Convenient) बनाना हो DBMS का प्रमुख उद्देश्य होता है। 

DBMS एक सॉफ्टवेयर है जिसको सहायता से यूजर डाटाबेस के रिकॉर्ड मेन्टेन (Maintain) करते है। यह एक ऐसा एनवायरनमेंट प्रदान करता हैं जिसमें डाटा को सरलता और प्रभावशाली रूप में store और retrieve (प्राप्त) किया जा सकता है। 

वृहद् सूचना संकलन का प्रबन्धन करने के लिए डाटाबेस सिस्टम तैयार किया जाता है। डाटा के इस प्रबन्धन में निम्नलिखित का समावेश रहता है- 

(i) सूचना संग्रहण के स्ट्रक्चर की परिभाषा (Definition) 

(ii) सूचना को सुव्यवस्थित (Manipulation) करने की कार्यविधि का प्रावधान 

(iii) सिस्टम क्रैश और अवैध घुसपैठ से सूचना की सुरक्षा प्रणाली (Definition) 

 


यदि अनेक यूजर, डाटाबेस का साझा (Share) करते हैं तो इस अवस्था में अनियमित (Anomalous) परिणाम को रोकने की व्यवस्था DBMS में होती है।

डाटा मैनेज करने की विधियाँ 
(METHODS OF DATA MANAGE) 


डाटा के प्रबंधन में चार प्रमुख गतिविधियाँ होती हैं डाटा का प्रदर्शन, जोडना (Adding), मिटाना (Removing) और नवीनीकरण (Modifying) Data के उचित प्रबंधन के लिए इसको सुविधाजनक और कुशल प्राप्ति (Retrieving) आवश्यक होती है। डाटा को मैनेज करने को दो प्रमुख विधियों होती हैं मैनुअल और इलेक्ट्रॉनिक 
(i) मैनुअल (Manual) - इस विधि में कम्प्यूटर की सहायता के बिना मानव द्वारा data manage किया जाता है। मैनुअल डाटा मैनेजमेन्ट में डाटा प्रक्रिया की गति धीमी होती हैं और इसके अलावा इस विधि में कागज और फाइल्स की अधिकता के कारण उनका रखरखाव कठिन होता है। 

(ii) इलेक्ट्रॉनिक (Electronic) - डाटा किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (कम्प्यूटर) की सहायता से मैनेज किया जाता हैं डाटा मेनेजमेन्ट के तकनीकी लाभ निम्नलिखित होते हैं- 

(i) Computer का उपयोग करने से डाटा प्रोसेसिंग की गति में तीव्रता आ जाता है। 


(ii) प्रोसेसिंग पॉवर में वृद्धि होती है। 

(iii) मल्टिपल यूजर्स की स्थिति में टाइम शेयरिंग का प्रयोग किया जा सकता हैं! 

(iv) Storage डिवाइस की उच्च गति। 

(v) Centralized से distributed डाटाबेस का प्रयोग (vi) Centralized से distributed प्रोसेसिंग (क्लाइंट सर्वर) का प्रयोग। 

Computer के उपयोग से data मेनेजमेन्ट को गतिविधियां तीव्र गति से सम्पन्न होती हैं और इसमें लचीलापन (Flexibility) आ जाता है। disk स्टोरेज device की निरन्तर बढती क्षमता से यह और भी उपयोगी हो जाता हैं वृहद् मात्रा में टाटा स्टोर करने से decision making में इसका लाभ भी मिलता है।

 डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम का विकास
 (EVOLUTION OF DATABASE MANAGEMENT SYSTEM) 

फाइल मैनेजमेन्ट सिस्टम (FMS) पर आधारित softwares COBOL और Dbase की सहायता से भी डाटा मैनेज किया जा सकता है। आरम्भ में COBOL और Dbase की सहायता से डाटा मैनेज किया जाता था, लेकिन हार्डवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम और नेटवर्क में निरंतर परिवर्तन और आधुनिकीरण से डाटाबेस मैनेजमेन्ट का विकास होता गया। Dbase के बाद FoxBase, FoxPro, ORACLE MS-SQL Server, MS-Access आदि सॉफ्टवेयर डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम के रूप में विकसित होते गये। आरम्भिक सॉपटवेयर्स में वृहद् मात्रा के डाटा को मैनेज करने की क्षमता अच्छी नहीं थी साथ ही नेटवकिंग और सिक्योरिटी का समूचा लाभ नहीं मिल पाता था। आजकल प्रयुक्त किये जाने वाले डाटाबेस मैनेजमेन्ट सॉफ्टवेयर्स में DBMS के अधिकतम नियमों का पालन सम्मव हो गया है। उदाहरणार्थ, Oracle 9i और Oracle 10g सर्वाधिक सुरक्षित और वृहद् मात्रा में डाटा को मैनेज करने में सक्षम है इसीलिए इन्हें अन-ब्रैकेबल डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम भी कहा जाता है। आधुनिक डाटाबेस मैनेजमेन्ट softwares में structured query language (SQL) और XML का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे डाटा मैनेज करने के लिए अधिक सुविधा और विकसित अनुप्रयोग उपलब्ध हो जाते हैं, साथ ही इन्टरनेट और नेटवर्ग के environment में कार्य करना सम्भव हो जाता है।

 डाटाबेस (Database) - "एक दूसरे से सम्बन्धित सूचनाओं का अंतरसम्बन्धित (Interconnected) समूह Database कहलाता है।"

 डाटा (Data)- "तथ्य जिन्हें संग्रहित किया जा सके तथा जो अपने आप में अर्थपूर्ण हों, डाटा कहलाते हैं।" 

डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) - "डाटा को संकलित करके उसका प्रबंधन करना डाटाबेंस मैनेजमेन्ट सिस्टम कहलाता है।"

डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम एक बहुउद्देश्यीय सॉफ्टवेयर सिस्टम है जो कि विभिन्न प्रयोगों के लिए डाटाबेस को बनाने, कार्यान्वित करने व उसका समुचित प्रबंधन करने की प्रक्रिया को उपलब्ध कराता है।

डाटाबेस मेनेजमेन्ट सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है. जो डाटाबेस में निहित डाटा को एक्सेस (Access) करने की अनुमति देता है। DBMS का उद्देश्य डाटाबेस में निहित सूचना को परिभाषित, स्टोर तथा पुनः प्राप्त करने के लिए आसान विधि प्रदान करना हैं।

DBMS एप्लिकेशन प्रोग्राम्स के साथ इन्टरफेस उपलब्ध कराता है ताकि डाटाबेस में निहित डाला एप्लिकेशन एवं यूजर्स द्वारा उपयोग हो सके। इसके अतिरिक्त DBMS डाटाबेस के केन्द्रीय नियंत्रण का प्रयत्न करना है। DBMS अनाधिकृत यूजर (Unauthorized User) को डाटा को एक्सेस करने से रोकता हैं एवं डाटा को गोपनीयता को बनाये रखता हैं।

उदाहरण - किसी विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के नाम, पते, आयु आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी को एक सारणी के रूप में संकलित कर लिया जाता है। जिसमें विद्यार्थी का नाम, पता आयु इत्यादि एक record है। इन रिकॉर्ड्स का संकलन एक डाटाबेस कहलाता है।


उपरोक्त सारणी में Name, Class, Date of Birth, Address और Phone no फील्ड हैं इन fields का संकलन एक रिकॉर्ड है। रिकॉर्ड्स के संकलन को फाइल कहते हैं।

डाटाबेस सिस्टम मूलतः कम्प्यूटर आधारित डाटा को रखने का साधन है। आमतौर पर जिनका उल्लेख डाटाबेस के रूप में किया गया है, उस डाटा के संग्रह में एक विशिष्ट उपक्रम के बारे में जानकारी (information) होती है। वह ऐसी कई प्रकार की जानकारी स्टोर (Store) करता है, जो किसी संस्थान के प्रबंधन की निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए आवश्यक हो।

ऑपरेशनल डाटा (Operational Data) - एक विस्तृत स्तर पर जिस डाटा का प्रयोग किसी उद्योग या संस्थान की प्रतिदिन की क्रियाओं को सम्पन करने के लिए किया जाता है, उसे ऑपरेशनल डाटा (Operational Data) कहते हैं

डाटाबेस सिस्टम के उद्देश्य 
(PURPOSE OF DATABASE SYSTEM)


 किसी ऑर्गेनाइजेशन में उपयोग होने वाला डाटा पूर्णतः ऐरर फ्री (Eror Fee), निजी (Individual) व सुरक्षित (Secure) होना चाहिए। क्योंकि, किसी भी डाटाबेस का सुनियोजित विधि द्वारा प्रबंधन करना डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम का प्रमुख कार्य है। बहुत कम प्रयासों से उपयोगी सूचनाओं को डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) के द्वारा कम समय में प्राप्त किया जा सकता है।

इसके उद्देश्य निम्नलिखित हैं- 

(i) आवश्यक व उपयोगी सूचनाओं को कम समय में तथा आसानी से वापस प्राप्त करना। 

(ii) व्यवस्थित सूचनाओं के आधार पर उचित निर्णय लेकर कार्य को भलिभॉति करना। 

(iii) किसी संस्थान में कार्यरत समस्त कर्मचारियों से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी जैसे-नाम, पता, पद इत्यादि रखना तथा उनकी कार्यकुशलता का आंकलन (Estimation) करना। 

(iv) किसी संस्थान की वित्तीय स्थिति जानना। 

(v) किसी संस्थान के डाटाबेस कों सुरक्षित रखना, जिससे अनाधिकृत् यूजर (Unauthorized User) डाटा को एक्सैस न कर सकें। 

(vi) डाटाबेस से कार्य की कीमत में कमी करना 

(vii) संस्थान की सम्पूर्ण परफॉर्मेंस (Performance) में वृद्धि करना आदि

डाटाबेस के तत्व 
(ELEMENTS OF DATABASE) 

डाटाबेस के तीन मुख्य तत्व हैं-

 (i) फील्ड (field) - यह डाटाबेस का सबसे छोटा तत्व होता है, जो किसी सूचना के एक निश्चित प्रकार को व्यक्त करता है। जैसे कि ऊपर दर्शायी गई सारणी का कॉलम Name, एक फील्ड है जिसमें सभी item नाम ही हैं

(ii) रिकॉर्ड (Record) - अनेक फील्ड्स का समूह एक रिकॉर्ड होता है। जैसे कि ऊपर दर्शायी गई सारणी की कोई भी पंक्ति जो कि Name, Class, Date of Birth, Address तथा Phone-no. का समूह है।

(iii) फाइल (File)- अनेक रिकॉर्ड्स का समूह एक डाटाबेस फाइल होती है। फाइल कंप्यूटर का मेमोरी में किसी निश्चित स्थान पर स्टोर (store) होती है।

डाटाबेस के भाग
 (COMPONENTS OF DATABASE) 

डाटाबेस सिस्टम के निम्नलिखित भाग होते है

(i) इनपुट डाटा (Input Data) - वह डाटा जिसको अंतिम यूजर द्वारा सिस्टम में इनपुट किया जाता है। 

(ii) आउटपुट डाटा (Output Data) - वह डाटा जो क्रियान्वित होने के बाद परिणामस्वरूप प्राप्त होता है।
 
(iii) ऑपरेशनल डाटा (Operational Data) - डाटा का वह भांग जिस पर प्रयोगकर्ता कुछ क्रियाएँ सम्पन्न करता है, ऑपरेशनल डाटा कहलाता है। 

(iv) हार्डवेयर (Hardware) - वह कम्प्यूटर सिस्टम जिसमें किसी डाटाबेस सिस्टम तकनीक या सॉफ्टवेयर को इनपुट कराया जाता है। इसके अंतर्गत प्रायमरी मैमोरी जैसे-रैम (RAM) एवं द्वितीयक स्टोरेज मैमोरी (Secondary Storage Memory) का विशेष ध्यान रखा जाता है, जो उस डाटाबेस सिस्टम को क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक है। 

(v) साफ्टवेयर (Software) - यह एक डाटाबेस सिस्टम का सॉफ्टवेयर होता है। यहाँ पर भौतिक डाटाबेस व उसके यूजर के मध्य सॉफ्टवेयर की एक परत होती है, जिसे DBMS कहते हैं।

(vi) यूजर (User) - यह डाटा को उपयोग करने वाले उपयोगकर्ता होते हैं। 

डाटाबेस में डाटा की विशेषताएं
(CHARACTERISTICS OF Data IN DATABASE)


 डाटाबेस में डाटा की निम्नलिखित विशेषताएँ होना अनिवार्य है- 

(i) शेयर्ड (Shared) - डाटाबेस का डाटा विभिन्न यूजर्स और एप्लिकेशन के बीच बाँटा जाता है, अर्थात वे मिलकर इसका उपयोग करते हैं। 

(ii) परसिस्टेन्स (Persistence) - इसका आशय है, स्थिरता अर्थात् किसी डाटाबेस में डाटा स्थायी रूप से स्थिर होता हैं इसका अर्थ यह है कि डाटा उस प्रॉसेस की परिधि से बाहर भी रह सकता है, जिसमें उसे निर्मित किया गया था। 

(iii) सिक्योरिटी (Security) - इसका आशय है सुरक्षा अर्थात् डाटा को अनाधिकृत एक्सेस से सुरक्षित रहना चाहिए

(iv) कंसिस्टेंसी (Consistency) - इसका तात्पर्य समरूपता से है। जब भी डाटाबेस में एक से अधिक डाटा एलिमेंट (element) संबंधित वैल्यूज को दर्शाते हैं, तब ये वैल्यूज सम्बन्धों के संदर्भ में संगत या समरूप होनी चाहिए।

(v) नॉन रिडंडेंसी (Non Redundancy) - डाटाबेस के कोई थी दो डाटा आयटम ऐसे न हों, जो कि एक ही तथ्य को दर्शाते हों।

(vi) डाटा स्वतंत्रता (Data Independency) - डाटा स्वतंत्रता का तात्पर्य यह हैं कि स्कीम के तीनों स्तर (आंतरिक, लॉजिकल और वाह्य) एक दूसरे से स्वतंत्र होना चाहिए, ताकि एक स्तर की स्कीमा में फेरबदल का दूसरे स्तर पर कोई प्रभाव न पड़े।

डाटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम की हानियाँ
(DISADVANTAGES OF DATABASE MANAGEMENT SYSTEM) 


DBMS के कई लाभ होने के साथ-साध कई स्थितियाँ ऐसी उत्पन्न होती हैं जहाँ डाटाबेस का प्रयोग करने पर अनावश्यक खर्च आता है।
जैसे-
 
(i) हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर व ट्रेनिंग में 

(ii) डाटा को व्यक्त करने व प्रॉसैस करने में 

(iii) डाटा सुरक्षा, डाटा कन्ट्रोल तथा अन्य फंक्शन्स में 

(iv) DBMS की कार्यप्रणाली अति जटिल है इसका प्रबंधन व रख-रखाव कठिन है। 

(v) इसके कार्यान्वयन होने के लिए अनुभवी Computer professional की आवश्यकता होती है 

(vi) इसमें डाटाबेस को विकसित करने व डिजाइन करने में अधिक समय लगता है 

इसके अतिरिक्त यदि डाटाबेस डिजाइनर व DBA डाटाबेस को ठीक प्रकार से डिजाइन नहीं करते हैं, तो कई अन्य समस्याएँ उत्यन्न हो जाती हैं। अतः निम्नलिखित स्थितियों में DBMS का प्रयोग न करके पारम्परिक फाइल मैनेजमेन्ट का प्रयोग करना चाहिए- 

(i) जब डाटाबेस सरल, अच्छी तरह से व्यक्त किया गया हो।

(ii) जब डाटाबेस में परिवर्तन की कोई उम्मीद न हो। 

(iii) जब डाटाबेस का प्रयोग करने वाले लोग ज्यादा न हों।

व्यूज आफ डाटा
(Views OF DATA)


Database management system (SBMS) आपस में सम्बन्धित फाइल्स और प्रोग्राम्स के समूहों का सम्मिलित रूप है, जो कि एक से ज्यादा यूजर्स को उसके डाटा को देखने एवं इसे परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान करता है। डाटाबेस सिस्टम को उपयोग करने का प्रमुख उद्देश्य यूजर्स को डाटा का Abstract view प्रदान करना है। यहाँ पर डाटा व्यूज के तीन लेवल Define किये गये हैं,
जो कि निम्नलिखित हैं 

(i) External View
(ii) Conceptual View
(iii) Internal or Physical View

(i) EXTERNAL VIEW - Abstraction के इस लेवल का सम्बन्ध केवल बाहरी या external यूजर तक ही सीमित है। user को इस बात से कोई लेना देना नहीं हैं कि डाटाबेस में डाटा किस प्रकार स्टोर किया गया हैं या कौन-कौन सी जानकारी डाटाबेस में स्टोर की गई हैं, उसे आवश्यकतानुसार जानकारी प्राप्त हो जाए इतना ही काफी है।

उदाहरण के लिए एक कॉलेज के डाटाबेस में बहुत सी जानकारियाँ store की जाती हैं। जैसे विद्यार्थी की डिटेल (Detail) में उसका रोल नम्बर, विषय, उम्र, पता इत्यादि लेकिन एक अध्यापक को उसके पते से या उसकी उम्र से कोई मतलब नहीं होगा।

(ii) CONCEPTUAL View - Abstraction के इस लेवल में यह बताया जाता है कि कौन सा डाटा वास्तव में डाटाबेस में स्टोर किया गया है। इसमें डाटाबेस को सम्पूर्ण जानकारी छोटे-छोटे रिलेशन स्ट्रक्चर्स (Relation Structures) के रूप में दी जाती है। इस लेवल के यूजर्स को हम बात से कोई मतलब नहीं होता कि एक्सटर्नल (External) और इन्टरनल (Internal) लेवल पर Data को किस प्रकार implement किया जाएगा | वे सिर्फ इस बात से मतलब रखते हैं, कि किस प्रकार का Data, Database में store करना है |

(iii) INTERNAL या PHYSICAL VIEW- यह Abstraction का सबसे निम्न स्तर है, इसमे यह बताया जाता है कि वास्तव मे Data , Physical Storage Media में किस प्रकार store होता है |


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